Prime Minister’s Office of India

09/26/2025 | Press release | Distributed by Public on 09/26/2025 06:00

PM’s interaction with beneficiaries of Bihar’s Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana via VC

PM's interaction with beneficiaries of Bihar's Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana via VC

26 Sep, 2025
[Link]


प्रस्तुतकर्ता - अब मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के चयनित लाभुकों द्वारा अनुभव साझा किया जाना है। मैं सर्वप्रथम पश्चिम चंपारण जिला की रंजीता काजी दीदी से अनुरोध करूंगा कि वो अपना अनुभव साझा करें।

लाभार्थी - माननीय प्रधानमंत्री भैया और माननीय मुख्यमंत्री भैया को मेरा सादर प्रणाम। मेरा नाम रंजीता काजी है। मैं जिला पश्चिम चंपारण के प्रखंड बगहा दो से वाल्मीकि वन क्षेत्र से हूं। मैं आदिवासी हूं और जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हूं। हम लोगों का क्षेत्र वैसे ही जंगल एरिया है। मैं कभी सोची भी नहीं थी कि हम लोगों के क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी, शौचालय और शिक्षा की व्यवस्था होगी। लेकिन आज वो सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री भैया को कोटि-कोटि धन्यवाद देती हूं और आभार प्रकट करती हूं। आपने हम महिलाओं के लिए कई तरह के कार्य किए हैं। हम महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण का प्रावधान किया, जिसके कारण आज सरकारी नौकरियों में और पंचायती राज संस्थानों में अधिक से अधिक मात्रा में महिलाएं देखने को मिल रही हैं। साइकिल योजना, पोशाक योजना से, आपने तो पहले ही लागू कर दिया था। बड़ा अच्छा लगता है, जब लड़कियां पोशाक पहन कर और साइकिल लेकर स्कूल की तरफ जाती हैं। माननीय प्रधानमंत्री भैया, आपके द्वारा लागू की गई उज्ज्वला योजना के अंतर्गत महिलाओं को कम लागत में, जो गैस सिलेंडर मिल जा रहा है, इससे हमारी महिलाएं अब धुएं में खाना नहीं बनाती हैं। आपने उनके सेहत का ध्यान दिया। आवास योजना के अंतर्गत, आपके आशीर्वाद से, आज हम पक्के घरों में रह रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री भैया, आपने हाल ही में 125 यूनिट बिजली फ्री कर दी और 400 से 1100 जो पेंशन कर दिया, इससे हम महिलाओं का पहले से और अधिक आत्मविश्वास हो गया है। मुख्यमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत 2 लाख और 10 हजार की राशि जो महिलाओं के खाते में आएगी, उससे महिलाएं काफी खुश हैं, और मैं भी खुश हूं। मेरे खाते में जब 10,000 रुपया आएगी, तो मैं उससे पंप सेट खरीदूंगी, क्योंकि मैं कृषि से जुड़ी हूं और मैं ज्वार, बाजरे की खेती करूंगी और उसके बाद 2 लाख की राशि जब हमारे खाते में आएगी, तो उससे मैं ज्वार बाजरे से बने आटे की व्यवसाय मैं शुरू करूंगी। इससे मैं, इससे स्वदेशी सोच को बढ़ावा मिलेगा, ऐसे ही आप लोगों का हाथ हम लोगों के सिर पर बना रहेगा, तो हम लोगों के रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, हम आगे बढ़ेंगे और लखपति दीदी बनेंगे। हमारी दीदियां इस समय बड़ी खुश हैं। इस नवरात्रि के उत्सव के साथ-साथ माननीय मुख्यमंत्री रोजगार योजना को एक उत्सव के तौर पर मना रही हैं। मैं अपने पूरे पश्चिम चंपारण की दीदियों की तरफ से माननीय प्रधानमंत्री भैया और माननीय मुख्यमंत्री भैया को अपने दिल से कोटि-कोटि धन्यवाद देती हूं, अपने दिल से धन्यवाद देती हूं और आभार प्रकट करती हूं। धन्यवाद।

प्रस्तुतकर्ता - धन्यवाद दीदी। अब मैं भोजपुर जिला की रीता देवी दीदी से अनुरोध करूंगा, कि वो अपना अनुभव साझा करें।

लाभार्थी - माननीय प्रधानमंत्री भैया और मुख्यमंत्री भैया के पूरा आरा जिला के तरफ से प्रणाम करती हूं। हमारा नाम रीता देवी हटे, गांव मोहम्मदपुर और पंचायत दौलतपुर, थाना कोयला, जिला के आरा जिला के रहने वाले हैं हम। वर्ष 2015 में हम स्वयं सहायता समूह के सदस्य बन गई और सदस्य बनने के बाद भैया पहल का किस्त 5000 रुपया लेके हम चार बकरी खरीदी और बकरी से अपना रोजगार चालू किया। उससे जो इनकम आई, उससे 50 मुर्गी खरीदी और मुर्गी खरीदकर अपना अंडा का भी व्यवसाय चालू किया, 15 रूपया करके अंडा भी बेचे और जो अंडा भी मुर्गी का होता था, तो हम एक मछली के डिब्बा में अपन चूजा तैयार करने लगी लाइट से और उससे हमारे घर की आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार हुआ भैया, हम लखपति दीदी भी बन गई और ड्रोन दीदी भी हम बन गई और बहुत हमारा विकास भी हुआ भैया और बहुत ही एक बार फिर से हम आरा जिला के दीदी के तरफ से फिर प्रधानमंत्री भैया को, मुख्यमंत्री भैया को, पूरे दिल से धन्यवाद देते हैं कि जो मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना जब से आई है ना भैया, तब से गांव मोहल्ला में तो पूरा चहल-पहल मच गई, मानो खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं दीदी लोग का, सब दीदी कहती हैं कि हमने रोजगार गाय का किया, बकरी का किया, कोई दीदी कह रही कि हमने अपनी चूड़ी की दुकान की भैया, तो हम यही कहते हैं कि हमारे 10000 रूपये की जब पहली किस्त आई, तो मैंने 100 मुर्गी और ले लिया, ताकि ठंड के दिन आते हैं तो अंडे की डिमांड बढ़ जाती है भैया, ऐसा और 100 लेकर हम अपनी मुर्गी के व्यवसाय चालू किया और जब 2 लाख मिलेंगे भैया, तो हम पोल्ट्री फार्म खोलूँगी और अपना उसमें मशीन भी लगाऊँगी, अपना रोजगार बढ़ाऊँगी और जो भी सरकारी योजना चलती है भैया, जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना हो, जो कि पहले हम मिट्टी के घर में भैया रहते थे, बड़ी दिक्कत होती थी हमको, पानी बरसात में पानी रिसने लगता था, लेकिन अभी पूरे गांव में सबके पक्के मकान हो गए हैं, सब दीदी अपने-अपने घर में बड़ी खुश रही हैं, और शौचालय की अगर बात करें तो भैया तो बहुत शर्म लगती थी, जब हम खेत में शौचालय के लिए जाते थे शौच करने के लिए, लेकिन अभी पूरे गांव में, पूरे हर घर में दीदी के शौचालय बन गए हैं, बाहर कोई दीदी नहीं जाती उस के लिए, और नल जल जबसे आया है न भैया तब से तो गांव में शुद्ध पानी हमको पीने के लिए मिलने लगा और रोग दुख से भी हम लोगों को बहुत छुटकारा मिल गया है भैया क्योंकि, शुद्ध पानी पीने को हमको मिल गया। जब से हमें उज्ज्वला गैस योजना के तहत पूरा गैस कनेक्शन मिला है, तब से हमने चूल्हे पर खाना बनाना छोड़ दिया है। चूल्हा जलाने से बहुत धुआं होता था जिससे आंखों में जलन होती थी। अब हम गैस पर खाना बनाते हैं और इससे बहुत खुश हैं। भैया, जो आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड बना है, उस कार्ड के जरिए हमें 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। एक रुपया भी नहीं लग रहा, 5 लाख रुपये तक का इलाज बिल्कुल मुफ्त है और जब से गांव में 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिली है, पहले जो शाम होते ही अंधेरा हो जाया करता था, अब चारों ओर रोशनी रहती है, शाम में चारों तरफ रोशनी रहती है। पहले हम लोग बच्चों को बोलते थे कि जल्दी-जल्दी लाइट बंद कर दो, लेकिन अब बच्चे निश्चिंत होकर लाइट में पढ़ाई कर सकते हैं। लाइट जलाकर खुशी से अच्छी तरह पढ़ाई कर रहे हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि जब महिलाओं को योजनाओं का लाभ मिलता है, तो उनके बच्चों को भी इसका लाभ मिलता है। जैसे, पहले दीदी को बहुत दूर जाना पड़ता था, लेकिन अब उनके बच्चों को पढ़ाई के लिए साइकिल भी मिल रही है। बच्चे साइकिल चलाकर स्कूल जाते हैं और पोशाक में जब ये लोग एक रंग की यूनिफॉर्म पहनकर जब सब बच्चे सड़क पर निकलते हैं तो बहुत अच्छा लगता है। और उससे भी बड़ी बात है भैया, जब मैं पढ़ती थी तो हमें भी साइकिल और पोशाक मिली थी। हम भी पोशाक पहनकर स्कूल जाते थे, अपनी साइकिल से। इसी वजह से मैं पूरे आरा जिले की तरफ से, प्रधानमंत्री भैया और नीतीश भैया को, और सभी दीदियों, सभी महिलाओं की तरफ से बहुत-बहुत धन्यवाद और आशीर्वाद देते हैं। (डिस्क्लेमर- आरा जिला की लाभार्थी रीता देवी ने स्थानीय भाषा में संवाद किया है, जिसका यहाँ हिन्दी भावानुवाद किया गया है)

प्रधानमंत्री - रीता दीदी, आप तो बहुत सुपरफास्ट बोलती हैं, और सारी योजनाओं के नाम भी दे दिए आपने। बहुत बढ़िया बोलती हैं आप, बहुत बढ़िया तरीके से बातें बताई आपने। आपकी पढ़ाई कितनी हुई है रीता दीदी?

लाभार्थी (रीता दीदी) - भैया, हमने जीविका (स्वयं-सहायता समूह) में आकर पढ़ाई शुरू की, मैट्रिक किया, इंटर किया, बीए भी किया। अभी मैंने एमए में एडमिशन लिया है।

प्रधानमंत्री - अरे वाह

लाभार्थी (रीता दीदी)- मैं अब जीविका के माध्यम से पढ़ाई कर रही हूँ। भैया मैं पढ़ी-लिखी नहीं थी।

प्रधानमंत्री - चलिए आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

लाभार्थी (रीता दीदी)- भैया आपको सभी दीदियों की तरफ से बहुत-बहुत आशीर्वाद भैया।

प्रस्तुतकर्ता- धन्यवाद रीता देवी दीदी। अब मैं गया जिला की नूरजहां खातून दीदी से अनुरोध करूंगा कि वो अपना अनुभव साझा करें।

लाभार्थी- माननीय प्रधानमंत्री भैया को मेरा प्रणाम, माननीय मुख्यमंत्री भैया को मेरा प्रणाम। मेरा नाम नूरजहां खातून, झिकटिया गांव झिकटिया प्रखंड बोधगया, गया जिला की मैं निवासी हूं। मैं गुलाब जी विकास स्वयं सहायता की अध्यक्ष हूं, और जो सबसे पहले जो हमें सभी महिलाओं को जो 10,000 रूपया की राशि जो पहला किस्त जो मिलेगी रोजगार करने के लिए, यह सुनकर के सभी महिलाएं बहुत खुश हैं और सभी के घर और मोहल्ले और गांव में ये हलचल मच रही है। सभी महिलाएं एक जगह बैठकर के चर्चा कर रही हैं, कि अब हम लोग अपना मनचाहा रोजगार करेंगे। यह खुशी का माहौल दिखाई दे रहा है और हमें भी जो पहला 10,000 रूपया की जो राशि जो मिलेगी, उससे मैं भी अपना सिलाई दुकान में एक बड़ा काउंटर बनाएंगे। उस काउंटर पर मैं अपना सामान रख के बिक्री करूंगी और पहले से भी मेरा सिलाई का दुकान हम चला रहे हैं। और हमारे पति पहले सिलाई का काम पहले बाहर करते थे। हम अपने पति को भी यहां बुलाकर के और दोनों हस्बैंड वाइफ दुकान पर बैठकर के, मैं अपना रोजगार चलाती हूं, और 10 लोगों को रोजगार भी दिए हुए हैं, और हमें आगे की सोच है कि अगर हमें 2 लाख की राशि अगर और मिलेगी तो उससे हम और भी बड़ा रोजगार करेंगे और अपना मशीन को भी बढ़ाएंगे और 10 लोग को और भी रोजगार देंगे, और एक और हमारे जो मुख्यमंत्री भैया बहुत ही बड़ा जो हम महिलाओं के लिए हमेशा जो कि याद करते रहते थे और आज भी लगातार हम लोग को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, और एक बहुत बड़ी बात है, कि जब हम लोग पहले लालटेन और बत्ती से जब हम अपना घर में रसोइया में काम करते थे। आज तो जब से 125 यूनिट जो बिजली का बिल जो नि:शुल्क हुआ, तब से तो मेरा बिल आज तक आया ही नहीं है। ये भी जो पैसा जो बचता है हमें, हम बच्चों को ट्यूशन फीस में खर्चा करते हैं पढ़ाई में, और एक बहुत बड़ी बात है कि जो गरीब से गरीब महिलायें अपना बिजली का बिल भरने की वजह से जो कि कनेक्शन नहीं करवाती थी। आज तो 100% हमको लगता है कि गरीब से गरीब महिलाएं भी अपने घर में बिजली का कनेक्शन लिए हुई हैं और उनके घरों में लाइट बत्ती हमेशा रोशनी में रहती हैं, उनके भी बच्चे रात में बल्ब जला करके नीचे पढ़ाई भी करते हैं। और पहले भैया, जब हम लोग घर, जब समूह ही नहीं था तो हम लोग घर से निकलते नहीं थे, और हम लोग को घर से जब निकलना जब शुरू किए जब समूह में, तो बहुत घर से डांट डपट सपट बहुत होता था। किसी किसी के पति तो मारपीट भी करते थे और हम लोग डर से बाहर नहीं निकलते थे। मगर आज वो दिन है कि अगर कोई भी जेंट्स भैया हो या कोई भी हमारे दरवाजे पर अगर चले जाते हैं, तो हमारे घर के पति हो या कोई भी परिवार हो, सबसे पहले हमको कहेंगे कि जाइए बाहर कोई आपसे मिलने के लिए आया है। अब जब हम बाहर निकलते हैं तो हमारे घर परिवार के लोग बहुत ही खुश होते हैं कि हमारी घर की महिला जो कि बाहर जा रही है और बाहर इस रोजगार में हमें काम करने में बहुत ही मन लगता है कि और भी हम रोजगार देकर के काफी लोगों को जो कि आगे शिक्षा दें, सिखा करके ट्रेनिंग देकर के सिखाएं, क्योंकि हमारे पति जो कि ऑल राउंडर मास्टर हैं टेलर मास्टर और भैया पहले तो हम अपने हम लोग अपने पति को ही संपत्ति समझते थे, मगर आज हम लोग के पति हम लोग को लखपति समझते हैं कि हमारे घर के लखपति हैं। और भैया, हम अपने पहले तो बहुत ही गरीबी से हम लोग बाहर उठे हैं। फूस के घर में रहते थे, मगर अब बड़ा खुश रहते हैं हम फूस के घर में रहकर के, क्योंकि हम महल बना लिए हैं। और मैं अपने गया जिला की महिलाओं की तरफ से मैं अपने प्रधानमंत्री भैया को दिल से दुआएं देती हूं, करती हूं और मैं अपने मुख्यमंत्री भैया को, गया जिला की दीदियों की तरफ से मैं दिल से दुआ करती हूं और मैं धन्यवाद करती हूं।

प्रधानमंत्री- नूरजहां दीदी आपने इतना ये बढ़िया तरीके से बताया, आप मेरा एक काम करोगी।

लाभार्थी - जी हां।

प्रधानमंत्री- तो आप देखिए इतना बढ़िया तरीके से चीज समझाती हैं आप। अगर आप सप्ताह में एक दिन अगर निकाले और अलग-अलग इलाके में या अलग-अलग गांवों में, 50-100 दीदी को इकट्ठा करके उनको अगर ये समझाएगी, तो उनके जीवन में भी बहुत बड़ी प्रेरणा मिलेगी, क्योंकि आप सारी बातें एकदम से अपने अनुभव से बोल रही हैं, दिल से बोल रही हैं, घर की बात भी बता रही हैं, तो मैं समझता हूं कि ये हमारी माताएं बहने सुनेंगी, उनको बहुत प्रेरणा मिलेगी। बहुत अच्छे तरीके से आपने बताया। बहुत-बहुत बधाई आपको। बहुत धन्यवाद।

लाभार्थी - बिल्कुल हम समझाएंगे भैया।

प्रस्तुतकर्ता - धन्यवाद दीदी। अब मैं अंत में पूर्णिया जिला की पुतुल देवी दीदी से अनुरोध करूंग, कि वे अपना अनुभव साझा करें।

लाभार्थी- माननीय प्रधानमंत्री जी एवं माननीय मुख्यमंत्री जी को मेरा प्रणाम। मेरा नाम पुतुल देवी है, मैं भवानीपुर की रहने वाली हूं। मुस्कान समूह की मैं सचिव हूं। आज मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत जो 10-10 हजार की राशि दी जा रही है। मैं पहले से उसमें लड्डू बतासे की दुकान करती थी, अब मैं टिकरी, बालूशाही, जलेबी और बर्फी भी बनाऊंगी। पुनः मेहनत करके मैं वो 2 लाख रूपये की राशि भी प्राप्त करूंगी, जिससे मैं अपनी दुकान को बड़ा करूंगी और स्टाफ को भी बढ़ाऊंगी। साथ ही जो आपने जीविका बैंक शुरू की, उससे मैं कम दर ब्याज पर लोन लेकर के मैं अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करूंगी। माननीय प्रधानमंत्री जी के स्वदेशी के नारे से देश को भी मजबूत करूंगी। मुझे बहुत खुशी है कि आज मेरी सासू मां की पेंशन 400 रूपये से 1100 रूपये कर दी गई है और 125 यूनिट बिजली भी फ्री मिलती है, जिससे मैं बचत करूंगी और अपने बच्चे को आगे पढ़ाऊंगी। माननीय प्रधानमंत्री जी एवं माननीय मुख्यमंत्री जी को, आपके पूरे पूर्णिया जिले की वासियों की तरफ से, मैं आभार प्रकट करती हूं कि आपने ऐसी योजना लाई जो हमारे घर को खुशियों से भर दिया। आपको मैं तहे दिल से नमन करती हूं, धन्यवाद।

प्रधानमंत्री - पुतुल जी आप, पुतुल जी, पुतुल दीदी आप खुद व्यवसाय में गई हैं, तो आपको शुरुआत में कुछ कठिनाइयां आई होगी परिवार से, इस प्रकार से दुकान पर बैठना, सब मोहल्ले वाले मना करते होंगे, गांव वाले मना करते होंगे।

लाभार्थी - जी मेरा रोजगार देखकर के सब कोई हंसता था, लेकिन हम अपना ये नहीं छोड़े सर। मैं अपने हिम्मत से मैं लड्डू और बताशा से बना करके मैं पहले छोटा रोजगार की। जब मैं जीविका से जुड़ी तो उससे मैंने लोन लेकर के सर मेरे पास घर नहीं था। लेकिन मैं उसी से अपने घर को भी बनाई और अपना बच्चा को पढ़ा रही हूं। आज मेरा बच्चा सर कटिहार में बीटेक कर रहे हैं। अपना दम पर निकाले हैं सरकारी।

प्रधानमंत्री - अच्छा पुतुल देवी जी, आपने जलेबी की बात बोली। आपको मालूम है ना बीच में हमारे देश में जलेबी पर बहुत राजनीति चलती थी।

लाभार्थी - जी जी।

प्रधानमंत्री - चलिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

प्रस्तुतकर्ता - धन्यवाद दीदी। अब मैं माननीय प्रधानमंत्री जी से अनुरोध करूंगा कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना अंतर्गत 75 लाख महिला लाभुकों को 10,000 प्रति लाभुक की दर से 7500 करोड़ की राशि का अंतरण रिमोट का बटन दबाकर करने की कृपा करें।

Prime Minister’s Office of India published this content on September 26, 2025, and is solely responsible for the information contained herein. Distributed via Public Technologies (PUBT), unedited and unaltered, on September 26, 2025 at 12:00 UTC. If you believe the information included in the content is inaccurate or outdated and requires editing or removal, please contact us at [email protected]