Prime Minister’s Office of India

12/05/2025 | Press release | Distributed by Public on 12/06/2025 01:24

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति महामहिम श्री व्लादिमीर पुतिन के साथ भारत-रूस व्यापार मंच को संबोधित किया

प्रधानमंत्री कार्यालय

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति महामहिम श्री व्लादिमीर पुतिन के साथ भारत-रूस व्यापार मंच को संबोधित किया


किसी भी साझेदारी की नींव, चाहे व्यापार हो या कूटनीति, आपसी विश्वास ही होती है; भारत-रूस संबंधों की सबसे बड़ी ताकत इसी विश्वास में निहित है; यही विश्वास संयुक्त प्रयासों को दिशा और गति प्रदान करता है और नए सपनों और आकांक्षाओं को प्रेरित करने का कार्य करता है: प्रधानमंत्री

भारत-रूस व्यापार लक्ष्य 2030 से पहले 100 बिलियन डॉलर हो जाएगा: प्रधानमंत्री
रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के सिद्धांत से प्रेरित होकर, भारत विश्वह की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है: प्रधानमंत्री

प्रविष्टि तिथि: 05 DEC 2025 8:00PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति महामहिम श्री व्लादिमीर पुतिन के साथ कल नई दिल्ली के भारत मंडपम में भारत-रूस व्यापार मंच को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में महामहिम राष्ट्रपति पुतिन, भारत और विदेश के नेताओं और सभी विशिष्ट अतिथियों का अभिवादन किया और कहा कि भारत-रूस व्यापार मंच राष्ट्रपति पुतिन की एक महत्वपूर्ण पहल को दर्शाता है। वे इस आयोजन में भाग लेने के लिए एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल लेकर आए हैं। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों का हार्दिक स्वागत किया और कहा कि उनके बीच होना उनके लिए अत्यंत प्रसन्नता का क्षण है। श्री मोदी ने इस मंच में शामिल होने और अपने बहुमूल्य विचार साझा करने के लिए अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि व्यापार के लिए सरल और विश्वसनीय व्यवस्थाएँ बनाई जा रही हैं और उन्होंने यह भी कहा कि भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा शुरू हो गई है।

श्री मोदी ने कहा कि, जैसा कि केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल ने उल्लेख किया और राष्ट्रपति पुतिन ने भविष्य की संभावनाओं के बारे में बताया कि भारत और रूस कम समय में ही अति महत्वाकांक्षी लक्ष्य प्राप्‍त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी साझेदारी की नींव, चाहे व्यापार हो या कूटनीति, आपसी विश्वास ही है और इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत-रूस संबंधों की सबसे बड़ी ताकत इसी विश्वास में निहित है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह विश्वास संयुक्त प्रयासों को दिशा और गति प्रदान करता है और नए सपनों और आकांक्षाओं को प्रेरित करने का कार्य करता है। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि पिछले साल राष्ट्रपति पुतिन और उन्होंने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार में 100 बिलियन डॉलर के लक्ष्य को पार करने का संकल्प लिया था, लेकिन उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ उनकी हालिया चर्चाओं और स्पष्ट संभावनाओं को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि 2030 तक इंतज़ार नहीं करना होगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भारत और रूस इस लक्ष्य को समय से पहले प्राप्‍त करने के दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं और उनका विश्वास और मज़बूत हो रहा है। श्री मोदी ने आगे कहा कि शुल्‍क और गैर-शुल्‍क संबंधी बाधाओं को कम किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन प्रयासों की असली ताकत व्यापारिक नेताओं में निहित है, तथा उनकी ऊर्जा, नवाचार और महत्वाकांक्षा ही भारत और रूस के साझा भविष्य को आकार देती है।

पिछले ग्यारह वर्षों में भारत में अभूतपूर्व गति और व्यापक परिवर्तन का उल्‍लेख करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के सिद्धांत पर चलते हुए भारत विश्‍व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ग्यारह वर्षों की इस सुधार यात्रा में, भारत न थका है और न ही रुका है, बल्कि उनका संकल्प पहले से कहीं अधिक मज़बूत हुआ है और वह अपने लक्ष्यों की ओर पूरे विश्वास और गति के साथ आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यापार में सुगमता को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधार किए गए हैं और अनुपालन में छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र निजी क्षेत्र के लिए खोल दिए गए हैं जिससे नए अवसर पैदा हो रहे हैं, और उन्होंने यह भी कहा कि असैन्य परमाणु क्षेत्र में भी संभावनाओं के नए द्वार खुल रहे हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ये केवल प्रशासनिक सुधार नहीं हैं, बल्कि मानसिकता में सुधार हैं, जो एक ही संकल्प - विकसित भारत - से प्रेरित हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो दिनों में बहुत उपयोगी और सार्थक चर्चाएँ हुई हैं। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि बैठक में भारत-रूस सहयोग के सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व था। उन्होंने प्रतिभागियों के सुझावों और प्रयासों की हार्दिक सराहना की। उन्होंने कहा कि सहयोग को और मज़बूत करने के लिए कई विचार व्‍यक्‍त किए गए हैं। श्री मोदी ने कहा कि लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में, राष्ट्रपति पुतिन और उन्होंने कनेक्टिविटी की पूरी क्षमता को साकार करने पर ज़ोर दिया और आईएनएसटीसी तथा चेन्नई-व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर सहित उत्तरी समुद्री मार्ग जैसी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जताई। इन परियोजनाओं में शीघ्र ही प्रगति होने की उम्मीद है जिससे पारगमन समय कम होगा, लागत कम होगी और व्यापार के लिए नए बाजार खुलेंगे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि डिजिटल तकनीक की शक्ति से, सीमा शुल्क, लॉजिस्टिक्स और नियामक प्रणालियों को एक आभासी व्यापार गलियारे के माध्यम से जोड़ा जा सकता है जिससे सीमा शुल्क निकासी तेज़ होगी, कागजी कार्रवाई कम होगी और माल की आवाजाही अधिक निर्बाध होगी।

श्री मोदी ने बताया कि समुद्री उत्पादों के क्षेत्र में, रूस ने हाल ही में डेयरी और समुद्री उत्पादों के निर्यात हेतु पात्र भारतीय कंपनियों की सूची का विस्तार किया है जिससे भारतीय निर्यातकों के लिए नए अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत के उच्च-गुणवत्ता वाले समुद्री उत्पादों, मूल्यवर्धित समुद्री खाद्य और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की वैश्विक स्तर पर अच्छी माँग है और शीत श्रृंखला रसद, गहरे समुद्र में मछली पकड़ने और मछली पकड़ने के बंदरगाहों के आधुनिकीकरण में संयुक्त उद्यम और तकनीकी साझेदारियाँ रूस की घरेलू माँग को पूरा कर सकती हैं और साथ ही भारतीय उत्पादों के लिए नए बाज़ार खोल सकती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भारत आज किफायती और कुशल ईवी दोपहिया वाहनों और सीएनजी गतिशीलता समाधानों में विश्‍व में अग्रणी है जबकि रूस उन्नत सामग्रियों का एक प्रमुख उत्पादक है और दोनों देश ईवी विनिर्माण, ऑटोमोटिव घटकों और साझा गतिशीलता में सहयोग कर सकते हैं जिससे घरेलू जरूरतों को पूरा किया जा सके और ग्लोबल साउथ, विशेष रूप से अफ्रीका के विकास में योगदान दिया जा सके।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि फार्मा के क्षेत्र में भारत दुनिया भर में किफायती दामों पर उच्चतम गुणवत्ता वाली दवाइयां उपलब्ध कराता है जिससे उसे "विश्व की फार्मेसी" का खिताब प्राप्त हुआ है और दोनों देश संयुक्त रूप से टीके के विकास, कैंसर उपचार, रेडियो-फार्मास्युटिकल्स और एपीआई आपूर्ति श्रृंखलाओं में सहयोग कर सकते हैं जिससे स्वास्थ्य सुरक्षा में वृद्धि होगी और नए उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।

वस्त्र उद्योग के बारे में बात करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि भारत में प्राकृतिक रेशों से लेकर तकनीकी वस्त्रों तक की विशाल क्षमता है और भारत को डिज़ाइन, हस्तशिल्प और कालीनों में वैश्विक मान्यता प्राप्त है। रूस पॉलिमर और सिंथेटिक कच्चे माल का एक प्रमुख उत्पादक है, जिससे दोनों देश एक मज़बूत वस्त्र मूल्य श्रृंखला का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि उर्वरक, सिरेमिक, सीमेंट विनिर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में भी सहयोग के समान अवसर मौजूद हैं।

सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने में जनशक्ति गतिशीलता की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 'विश्व की कौशल राजधानी' के रूप में उभर रहा है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य सेवा, निर्माण और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में भारत की युवा प्रतिभा वैश्विक आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता रखती है। श्री मोदी ने कहा कि रूस की जनसांख्यिकीय और आर्थिक प्राथमिकताओं को देखते हुए, यह साझेदारी दोनों देशों के लिए बेहद फायदेमंद है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारतीय प्रतिभाओं को रूसी भाषा और सॉफ्ट स्किल्स का प्रशिक्षण देकर, रूस के लिए तैयार कार्यबल को संयुक्त रूप से विकसित किया जा सकता है जिससे दोनों देशों की साझा समृद्धि में तेज़ी आएगी।

दोनों देशों के नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा के संबंध में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, टूर ऑपरेटरों के लिए नए व्यावसायिक अवसर पैदा होंगे और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।

इस बात पर ज़ोर देते हुए कि भारत और रूस सह-नवाचार, सह-उत्पादन और सह-सृजन की एक नई यात्रा पर साथ-साथ चल रहे हैं, श्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि इसका लक्ष्य केवल द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाना नहीं है, बल्कि वैश्विक चुनौतियों के स्थायी समाधान तैयार करके मानवता का कल्याण सुनिश्चित करना है। प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि भारत इस यात्रा में रूस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए पूरी तरह तैयार है और उन्होंने घोषणा की, "आइए, भारत में निर्माण करें, भारत के साथ साझेदारी करें और साथ मिलकर दुनिया के लिए निर्माण करें।" उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन और सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया और धन्यवाद के साथ समापन किया।

Speaking at the India-Russia Business Forum. https://t.co/gXJ5UGEAhw

- Narendra Modi (@narendramodi) December 5, 2025

President Putin and I attended the Plenary Session of the India-Russia Trade Forum. This platform will add fresh momentum to our business ties and also open new avenues for innovation as well as growth.@KremlinRussia_E pic.twitter.com/TcesEqgCMV

- Narendra Modi (@narendramodi) December 5, 2025

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पीके/केसी/पीपी/आर


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