Prime Minister’s Office of India

09/02/2025 | Press release | Distributed by Public on 09/02/2025 05:00

PM’s address at the launch of Bihar Rajya Jeevika Nidhi Saakh Sahkari Sangh Limited via video conferencing

PM's address at the launch of Bihar Rajya Jeevika Nidhi Saakh Sahkari Sangh Limited via video conferencing

02 Sep, 2025
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PM's address at the launch of Bihar Rajya Jeevika Nidhi Saakh Sahkari Sangh Limited via video conferencing

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बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान नीतीश कुमार जी, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जी, विजय कुमार सिन्हा जी, अन्य महानुभाव और इस कार्यक्रम में उपस्थित बिहार की मेरी लाखों बहनें, आप सभी को प्रणाम।

मैं अभी मेरे सामने टीवी के स्क्रीन पर देख रहा हूं, लाखों बहनें नजर आ रही हैं और शायद बिहार के हर गांव में ये बहुत बड़ा समारोह, ये अपने आप में बड़ा अद्भुत दृश्य है। इतनी बड़ी तादाद में माताओं-बहनों के आशीर्वाद, इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या होता है।

साथियों,

आज मंगलवार के दिन बहुत मंगल काम की शुरूआत हो रही है। बिहार की माताओं बहनों को आज एक नई सुविधा मिलने जा रही है- जीविका निधि साख सहकारी संघ। इससे गांव-गांव में जीविका से जुड़ी बहनों को अब और आसानी से पैसा मिलेगा, उन्हें आर्थिक मदद मिलेगी। इससे वो जो काम करती हैं, जो व्यवसाय करती हैं, उसे आगे बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी और मुझे ये देखकर भी बहुत खुशी है कि जीविका निधि की व्यवस्था पूरी तरह डिजिटल है। यानी किसी के पास जाने की जरूरत नहीं, सब काम फोन से ही हो जाएगा। मैं बिहार की माताओं बहनों को जीविका सहकारी संघ की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और इस अद्भुत पहल के लिए श्रीमान नीतीश जी का, बिहार की एनडीए सरकार का, उनका भी बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।

साथियों,

विकसित भारत का बहुत बड़ा आधार है भारत की सशक्त महिलाएं, और महिलाओं को सशक्त करने के लिए बहुत जरूरी है कि उनकी जिंदगी से हर प्रकार की मुश्किलें कम हों। इसलिए हम माताओं, बहनों, बेटियों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए अनेकविद काम कर रहे हैं, अनेक प्रकार के काम कर रहे हैं। हमने महिलाओं के लिए करोड़ों शौचालय बनवाए, ताकि उन्हें खुले में शौच की मजबूरी से मुक्ति मिले। हमने प्रधानमंत्री आवास में पीएम आवास में करोड़ों की संख्या में पक्के घर बनवाए और इसमें यह भी ध्यान रखा कि वो घर हो सके तो महिलाओं के नाम पर हो। महिला जब घर की मालकिन होती है तो उसकी आवाज का भी वजन बढ़ जाता है।

माताओं-बहनों,

हमने पीने के साफ पानी का संकट खत्म करने के लिए हर घर जल योजना चलाई। माताओं-बहनों को इलाज की परेशानी ना हो, इसलिए हमने 5 लाख रूपये तक का मुफ्त इलाज कराने वाली आयुष्मान योजना चलाई। केंद्र सरकार आज मुफ़्त राशन की योजना भी चला रही है। इस योजना ने हर मां को इस चिंता से मुक्ति दिलाई है कि आज घर में बच्चों का पेट कैसे भरेगा। महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिए हम उन्हें लखपति दीदी, ड्रोन दीदी और बैंक सखी भी बना रहे हैं। ये सारी योजनाएँ, माताओं-बहनों की सेवा का एक बहुत बड़ा महायज्ञ है। और आज इस कार्यक्रम में, मैं आपको ये भरोसा देता हूं कि आने वाले महीनों में बिहार की एनडीए सरकार, इस अभियान को और तेज करने जा रही है।

साथियों,

बिहार वो धरती है, जहां मातृशक्ति का सम्मान, मां का सम्मान हमेशा से सर्वोपरि रहा है। यहां गंगा मइया, कोसी मइया, गंडकी मइया, पुनपुन मइया, इन सबकी पूजा होती है। और हम सब गर्व से कहते हैं, जानकी जी यहां की बेटी हैं। बिहार के संस्कार में पली - बढ़ीं, यहां की सिया धिया, दुनिया की सीता माता हैं। छठी मैया को नमन करके हम सब धन्य हो जाते हैं। कुछ दिनों बाद नवरात्रि का पावन पर्व शुरू होने वाला है। पूरे देश में नवदुर्गा की पूजा होगी, मां के नौ रूपों की, लेकिन बिहार और पुरबिया इलाके में नौ दुर्गा के साथ सतबहिनी पूजा की परंपरा भी पीढ़ियों से है, मां के रूप में सात बहनों की पूजा की परंपरा, मां के प्रति श्रद्धा और विश्वास, ये बिहार की पहचान है। मां के लिए ही कहा गया है, अपने सुखल-पाकल खाके, रखली सबके भरम बचा के, उनकर रोवां जे दुखाई, त भलाई ना होई, केहू कतनो दुलारी, बाकि माई ना होई।

साथियों,

हमारी सरकार के लिए मां की गरिमा, उसका सम्मान, उसका स्वाभिमान बहुत बड़ी प्राथमिकता है। मां ही तो हमारा संसार होती है, मां ही हमारा स्वाभिमान होती है। इस समृद्ध परंपरा वाले बिहार में कुछ दिनों पहले जो हुआ, उसकी मैंने कभी कल्पना तक नहीं की थी, किसी बिहार के मेरे भाई-बहन ने कल्पना नहीं की होगी, हिन्दुस्तान के किसी व्यक्ति ने कल्पना नहीं की होगी। बिहार में आरजेडी-कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं, ये गालियां सिर्फ मेरी मां का अपमान नहीं है, ये देश की मां-बहन-बेटी का अपमान है। मुझे पता है, आप सबको भी, बिहार की हर माँ को, बिहार की हर बेटी को, बिहार के हर भाई को, ये देख-सुनकर कितना बुरा लगा है! मैं जानता हूँ, इसकी जितनी पीड़ा मेरे दिल में है, उतनी ही तकलीफ मेरे बिहार के लोगों को भी है। और इसलिए आज जब इतनी सारी तादाद में लाखों बिहार की माताओं बहनों के मैं दर्शन जब कर रहा हूं, जब आपकी मौजूदगी है, तो आखिर मैं भी एक बेटा हूं। जब इतनी सारी माताएं बहनें मेरे सामने हैं, तो आज मेरा मन भी, मेरा दुख आपको साझा कर रहा हूं, ताकि मेरी पीड़ा आप माताओं-बहनों के आशीर्वाद से मैं इसे झेल पाऊं।

मातांए-बहनें,

आप सबको पता है, मैं करीब 50-55 साल से समाज और देश की सेवा में लगा हूं। मैं राजनीति में तो बहुत देर से आया था। समाज के चरणों में मुझसे जो बन सकता था, करने की मैं कोशिश करता था। मैंने हर दिन, हर क्षण अपने देश के लिए, मेरे देशवासियों के लिए, मुझसे जो हो सका, जहां हो सका, पूरी लगन से, मेहनत से काम करता रहा। और इसमें मेरी मां के आशीर्वाद, मेरी मां की बहुत बड़ी भूमिका रही है। मुझे मां भारती की सेवा करनी थी, इसलिए मुझे जन्म देने वाली मेरी मां ने मुझे अपने दायित्वों से मुक्त कर दिया था।

और मां ने मुझे आशीर्वाद दिया कि बेटा जा, देश की करोड़ों माताओं की सेवा करना, देश के गरीबों की सेवा करना। उस मां के ही आशीर्वाद से मैं चल पड़ा था। और इसलिए मुझे आज इस बात की पीड़ा है कि जिस मां ने मुझे देश सेवा का आशीर्वाद देकर, देश सेवा के लिए रवाना किया, भेजा। हर मां चाहती है कि उसका बेटा उसकी सेवा करे, हर मां चाहती है कि बेटा बड़ा हो, मां के लिए कुछ ना कुछ करता रहे। लेकिन मेरी मां ने खुद के लिए नहीं, आप जैसी करोड़ों माताओं की मैं सेवा कर सकूं इसलिए, खुद से अलग करके मुझे जाने की इजाजत दी। आप सब जानते हैं, अब मेरी मां का शरीर तो इस दुनिया में नहीं है। कुछ समय पहले 100 साल की उम्र पूरी करके वो हम सबको छोड़कर चली गई। मेरी उस मां को जिसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं। जिसका शरीर भी अब नहीं है। मेरी उस मां को आरजेडी कांग्रेस के मंच से भद्दी-भद्दी गालियां दी गई। माताएं बहनें मैं देख रहा हूं आपके चेहरे, आपको भी कितना दर्द हुआ होगा। मैं देख रहा हूं कुछ माताओं की आंख में आंसू मुझे नजर आ रहे हैं। यह बहुत ही दुख देने वाला है, कष्ट देने वाला है, पीड़ा देने वाला है। क्या गुनाह, उस मां का क्या गुनाह? जिसे भद्दी गालियां सुना दी जाए।

साथियों,

हर मां अपने बच्चों को बहुत तपस्या करके पालती है। यहां मेरे सामने बैठी हुई हर मां, उतनी ही लगन से उतनी ही तपस्या से अपने बच्चों को पालती है। बच्चों से बड़ा मां के लिए कुछ नहीं होता है। मैंने भी बचपन से अपनी मां को ऐसे ही रूप में देखा था। उन्होंने बहुत गरीबी में बहुत सारी तकलीफें सहते हुए अपने परिवार को, हम सब भाई-बहनों को पाला था। मुझे याद है बारिश का मौसम आने से पहले मां इस कोशिश में जुट जाती थी, कि छत ना टपके, ताकि उसके बच्चे चैन से सो सके। मां बीमार होती थी। फिर भी पता तक नहीं चलने देती थी, काम करती रहती थी, काम पर जाती थी। वो जानती थी कि अगर उसने एक दिन आराम किया तो हम बच्चों को दुख सहना पड़ेगा। कठिनाइयों का पता मेरे पिताजी को भी लगने नहीं देती थी मां। वो अपने लिए कभी कोई नई साड़ी तक खरीदती नहीं थी, वो एक-एक पाई जमा करती थी, ताकि अपने बच्चों के लिए एक जोड़ी कपड़ा बनवा सकें। और बात भले मैं मेरी मां की कर रहा हूं, लेकिन मेरे देश में करोड़ों मां ऐसे ही तपस्या करती है। मेरे सामने जो माताएं बहने बैठी हैं ना उन्होंने भी इतना ही कष्ट झेला है। एक गरीब माँ जीवन भर ऐसे ही तपकर अपने बच्चों को शिक्षा दिक्षा देती है, ऊंचे संस्कार देती है। इसलिए, माँ का स्थान, देवी-देवताओं से भी ऊपर माना जाता है। बिहार के ही संस्कार हैं, और हर बिहारी के मुंह से तो वो बात यूं ही निकलती है, माई के अ-स्थान देवता-पितर से भी ऊपर होला। काहे की आपन बाल-बच्चा खातिर, उ कौवनो देवी नियर परछाई बनके, पोस-पाल के बड़ करेली। खुदही दुख सहके देखावेली संसार। माई के बिना त कौवनो जिनगी भी ना पनप सकेला। एहिसे त बारी माई महान!

इसीलिए साथियों,

कांग्रेस-आरजेडी के मंच से गाली, भद्दी गाली केवल मेरी माँ को नहीं दी गई है। ये भद्दी-भद्दी गाली करोड़ों माताओं-बहनों को दी गई है।

साथियों,

एक गरीब माँ की तपस्या, उसके बेटे की पीड़ा ये शाही खानदानों में पैदा हुए युवराज नहीं समझ सकते। ये नामदार लोग तो सोने-चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुये हैं। वो तो यही मानते हैं कि देश और बिहार की सत्ता इन्हें अपने खानदान की विरासत लगती है। इन्हें लगता है कुर्सी इन्हें ही मिलनी चाहिए! लेकिन, आपने देश की जनता जनार्दन ने एक गरीब माँ के कामगार बेटे को आशीर्वाद देकर प्रधान सेवक बना दिया। ये बात नामदारों को पच नहीं रही है। कोई पिछड़ा, अति-पिछड़ा आगे बढ़ जाए, ये काँग्रेस को तो कभी बर्दाश्त नहीं हुआ है! इनको लगता है, नामदारों का तो अधिकार है कामदारों को गालियां देना, इसलिए आए दिन ये गालियों की झड़ी लगा देते हैं।

माताएं-बहने,

आपने सुना होगा, आपके भी कान पर पड़ा होगा कि मुझे भी इन्होंने कैसी-कैसी गालियां नहीं दी। यह लिस्ट बहुत बड़ी लंबी है और उनका कोई बड़ा नेता भी ये गालियां देने में बाकी नहीं रहा है। यह नफरत, ये नामदारों का अहंकार एक कामदार के खिलाफ गाली बन के फूटता रहता है। कभी यह मुझे नीच कहते हैं, गंदी नाली का कीड़ा कहते हैं, जहर वाला सांप बोलते हैं। आपने तो अभी-अभी सुना होगा, यहां बिहार चुनाव में भी मुझे तू-तड़ाक करके, गाली देकर इनकी नामदार वाली सोच बार-बार उजागर हो रही है। और इसी सोच की वजह से ये लोग अब मेरी स्वर्गीय मां को, जिसका शरीर नहीं रहा है, जिसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है, ऐसी मेरी स्वर्गीय मां को भी अपने मंच से गालियां दिलवाने लगे हैं।

साथियों,

माँ को गाली देने वाली सोच, बहन को गाली देने वाली सोच, महिलाओं को कमजोर समझती है। ये मानसिकता, महिलाओं को शोषण और अत्याचार की वस्तु मानती है। इसीलिए, जब-जब महिला विरोधी मानसिकता को सत्ता मिली है, सबसे ज्यादा तकलीफ़ें माताओं, बहनों को, बेटियों को, महिलाओं को ही झेलनी पड़ी हैं। और ये बात बिहार की मेरी माताओं-बहनों से ज्यादा कौन समझेगा! RJD के दौर में जब बिहार में अपराध और अपराधी बेलगाम थे, जब हत्या, फिरौती और बलात्कार सामान्य बात थी। RJD सरकार हत्यारों और बलात्कारियों को संरक्षण देती थी, RJD के उस राज की सबसे ज्यादा चोट किसे उठानी पड़ती थी? बिहार की मेरी माताओं को, बिहार की मेरी बेटियों को, बिहार की मेरी बहनों को, हमारी बिहार की महिलाओं को उठानी पड़ती थी। महिलाएं घर से बाहर निकलने में सुरक्षित नहीं थीं। उनके पति, उनके बेटे शाम तक जिंदा घर लौटेंगे, इसका कोई ठिकाना नहीं होता था! कब उनका परिवार उजड़ जाएगा, कब फिरौती के लिए उन्हें अपने जेवर बेचने पड़ जाएंगे, कब कोई माफिया उन्हें घर से उठवा लेगा, कब उनका सुहाग उजड़ जाएगा, हर महिला इसी खौफ में जीती थी! बिहार लंबी लड़ाई लड़कर उस अंधेरे से बाहर निकला है। RJD को हटाने और बार-बार हराने में बिहार की आप सभी महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका रही है, इसीलिए, RJD हो या कांग्रेस, ये लोग आज सबसे ज्यादा आप सभी महिलाओं के प्रति भी बौखलाए हुए हैं। बिहार की हर महिला को इनकी मंशा समझनी चाहिए। ये लोग आपसे बदला लेना चाहते हैं, ये मौके की तलाश में हैं, ताकि आपको सजा दे सकें।

साथियों,

RJD जैसे दल कभी महिलाओं को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते, और इसलिए ही ये महिला आरक्षण तक का पुरजोर विरोध करते रहे हैं। और जब एक महिला, एक गरीब घर की महिला आगे बढ़ जाती है, तब भी इनकी बौखलाहट दिखती है। इसलिए ही कांग्रेस, गरीब घर की आदिवासी बेटी, देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का लगातार अपमान करती है।

साथियों,

महिलाओं के प्रति घृणा और नफरत की इस राजनीति पर लगाम जरूरी है। देशवासियों को सोचने की जरूरत है, कैसी भाषा बोली जा रही है?

माताओं-बहनों,

आज से 20 दिन बाद नवरात्रि शुरू हो रही हैं। और 50 दिन बाद छठी मइया की पूजा होगी, छठ का पर्व मनाया जाएगा। मैं बिहार की जनता के सामने, माँ को गाली देने वालों से कहना चाहता हूँ, मोदी तो तुम्हें एक बार माफ कर भी देगा, लेकिन, भारत की धरती ने माँ का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं किया है। इसलिए आरजेडी और कांग्रेस को, सातबहिनी से माफी मांगनी चाहिए, छठी मैया से माफी मांगनी चाहिए।

साथियों,

मैं बिहार के लोगों से भी कहूँगा, इस अपमान की जवाबदेही तय करवाना, बिहार के हर बेटे की भी ज़िम्मेदारी है। आरजेडी-कांग्रेस के नेता जहां भी जाएं, जिस गली-जिस शहर में जाएं, उन्हें चारों तरफ से एक आवाज सुनाई देनी चाहिए. हर मां-बहन को मैदान में उतरकर के उनसे जवाब मांगना चाहिए, हर गली मोहल्ले में से एक ही आवाज आनी चाहिए। मां को गाली, नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे। इज्जत पर वार, नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे। आरजेडी का अत्याचार, नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे। कांग्रेस का वार, नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे। मां का अपमान, नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे।

साथियों,

देश की नारीशक्ति का सशक्तिकरण, हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उनके जीवन से मुश्किलें कम करने के लिए एनडीए सरकार लगातार काम कर रही है, और माताओं-बहनों मैं आपको वादा करता हूं, हम बिना थके, बिना रुके आपकी सेवा करते रहेंगे। आप सभी, एनडीए सरकार पर अपना आशीर्वाद बनाए रखिए, मैं देश की हर मां को प्रणाम करते हुए, आज और एक प्रार्थना दोबारा याद करता हूं। अभी 15 अगस्त को गांव-गांव गली-गली एक मंत्र गूंजता था, घर-घर तिरंगा, हर घर तिरंगा। अब समय की मांग है, हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी। यह मंत्र माताओं-बहनों को आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए माताओं-बहनों मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए। हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी और मैं हर दुकानदार से कहूंगा उनके यहां तो बोर्ड लगे रहना चाहिए, व्यापारी के यहां बोर्ड लगना चाहिए, गर्व से कहो यह स्वदेशी है, गर्व से कहो यह स्वदेशी है। आत्मनिर्भर भारत के रास्ते पर हमें मजबूती से आगे बढ़ना है। और मेरा यह काम माताओं-बहनों के आशीर्वाद के बिना पूरा नहीं हो सकता। मां भारती का उज्ज्वल भविष्य आपके आशीर्वाद के बिना नहीं हो सकता। और आप तो जानते हो, ये नामदार लोग क्या बोलते रहे? वो तो यहां तक सवाल करते रहे, भारत माता होती क्या है? भारत माता को जो गाली देते हो, उनके लिए मोदी की मां को गाली देना तो बाएं हाथ का खेल है। और इसलिए ऐसे लोगों को जानना बहुत जरूरी है।

माताओं-बहनों,

जब लाखों माताएं-बहनें मेरे सामने हैं, आपका आशीर्वाद हमेशा मेरे पर बना रहे। जब इतनी माताओं-बहनों के सामने खड़ा हुआ तो यूं ही मेरे भीतर जो दर्द था, आपके सामने वो प्रकट हो गया। माताएं और बहनें, आपके आशीर्वाद से मुझे ऐसे दुखों को सहने की ताकत मिलेगी। लेकिन, उस मां का कोई गुनाह नहीं है, जो अपना शरीर छोड़कर के चली गई है, जिसने किसी से कुछ लिया नहीं है, जिसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। उस मां को गाली पड़ती है, तब पीड़ा असह्य हो जाती है, वेदना असह्य हो जाती है। और इसलिए माताएं-बहनें वह दर्द आपके सामने एक बेटे की तरह आया, तो यूं ही निकल गया है। मुझे पूरा विश्वास है, आपके आशीर्वाद ऐसे हर जुल्म को सहने की ताकत भी देगा और हर जुल्म को परास्त कर करके माताओं-बहनों की सेवा करने की एक नई ऊर्जा देगा, नई प्रेरणा देगा। मेरी इस बात को अभी समाप्त करता हूं। मैं आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।

माताओं-बहनों का जीवन आसान बनाने के लिए एनडीए सरकार दिन-रात काम कर रही है। आज बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ कर गौरवान्वित हूं। https://t.co/381gpeg2oX- Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2025
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